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output device kya hai-आउटपुट डिवाइस क्या क्या होता है?

Start Date 01,January 1970

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Ashwani Soni

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60 hours

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425 Join

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English, Hindi

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IT Job

Description


 output device kya hai-आउटपुट डिवाइस क्या क्या होता है? 

हेल्लो दोस्तों आज के इस पोस्ट में आपको output device kya hai के बारे में बताया जा रहा है तो चलिए शुरू करते है

Output devices – आउटपुट डिवाइस

आउटपुट डिवाइस हार्ड या सॉफ्ट रूप में परिणाम देते हैं। जिन उपकरणों का उपयोग उपयोगकर्ता को हार्ड कॉपी या सॉफ्ट कॉपी के रूप में डेटा को प्रदर्शित करने के लिए किया जाता है, उन्हें आउटपुट डिवाइस कहा जाता है। आउटपुट डिवाइस का उदाहरण स्क्रीन/मॉनिटर, प्रिंटर, प्लॉटर, प्रोजेक्टर स्पीकर, हेडफोन हैं।

Monitor – मॉनीटर

यह एक आउटपुट डिवाइस है। VDU एक विजुअल सॉफ्ट आउटपुट डिवाइस है और इसका उपयोग स्क्रीन पर सॉफ्ट विजुअल आउटपुट प्राप्त करने के लिए किया जाता है। यह स्क्रीन के एक कोने से विपरीत कोने तक तिरछे मापा जाता है। VDU को प्रौद्योगिकी के आधार पर दो प्रकारों में वर्गीकृत किया जा सकता है पहला है CRT और दूसरा है LCD.

(i) CRT (Cathode Ray Tube) – सीआरटी (कैथोड रे ट्यूब)

यह टेलीविजन जैसी स्क्रीन है जहां कंप्यूटर के कार्यों के परिणाम प्रदर्शित किए जाते हैं। इस तकनीक में कैथोड रे फ्लोरेसेन्स स्क्रीन पर पड़ता है और किरणों को विक्षेपित करके चित्र बनाता है।

CRTs: सीआरटी दो प्रकार के होते हैं

Monochrome – मोनोक्रोम

जिसे ब्लैक एण्ड व्हाइट भी कहा जाता है।

इसे भी देखे –

Color- कलर

इसमें तीन अलग-अलग फॉस्फोरस होते हैं जो क्रमशः लाल, हरे और नीले प्रकाश का उत्सर्जन करते हैं और आरजीबी रंग के कारण रंगीन दृश्य में दिखाई देते हैं।

(ii) LCD (Liquid Cristal Display)

यह वीडीयू पतला फ्लैट होता है तथा इसमें लाईट मॉड्यूलेटिंग टेक्नॉलॉजी होती है, यह दो प्रकार का होता है:

• TFT (Thin Film Transistor)

यह एलसीडी का एक प्रकार है और मैट्रिक्स बनाता है, लेकिन सेल्फ लाईटिंग नहीं।

• LED (Light Emitting Diode)

यह सेल्फ बैक लाईट एमिटिंग तकनीक है, जो पिक्चर क्वालिटी बेहतर बनाता है। 2.Printer -प्रिंटर

. एक प्रिंटर एक आउटपुट डिवाइस है जो हार्ड कॉपी के रूप में टेक्स्ट डॉक्यूमेंट, इमेज, स्प्रेडशीट आदि को प्रिंट करता है। प्रिंटर की गुणवत्ता डॉट प्रति इंच (DPI) में मापी जाती है।

प्रिंटर इम्पैक्ट प्रिंटर और नॉन-इम्पैक्ट दो प्रकार के होते हैं

1 Impact Printer

इस प्रकार के प्रिंटर स्याही वाले रिबन पर स्ट्राइक करते हैं और कागज पर छाप (इम्प्रेशन बनाते है) छोड़तें हैं। इसमें एक धातु या प्लास्टिक का हेड होता है जिसमें पिन (डॉट मैट्रिक्स में नौ पिन या 24 पिन हेड) या सिम्बल और कैरेक्टर (डेजी व्हील प्रिंटर में) होते हैं।

Dot matrixPrinter

एक डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर स्याही रिबन के खिलाफ पिन स्ट्राइक द्वारा कैरेक्टर बनाता है। प्रत्येक पिन एक डॉट बनाता है और कैरेक्टर और इलुस्ट्रेशन से डॉट्स का संयोजन करता है। यह बहुत कुछ टाइपराइटर जैसा है। प्रत्येक वर्ण डॉट्स के एक मैट्रिक्स से बनाया गया

(ii) Non-Impact Printer

इस तकनीक में रिबन पर स्ट्राइक करने के लिए कोई हैमर नहीं है। यह नवीनतम तकनीक है। दो मुख्य प्रकार के नॉन इम्पैक्ट प्रिंटर हैं…

Inkjet Printer

इस तकनीक में “lonized Ink” शीट पर बकीय प्लेटों के माध्यम से छिडकाव और प्रतीक इमेज या डॉक्यूमेंट बनाते हैं। इस प्रिंटर से हाई क्वालिटी प्रिटिंग होती है। इससे 300 डीपीआई या अधिक की प्रिंट क्वालिटी का प्रिंट किया जा सकता है।

Laser Printer

इस तकनीक में जैसे ही कागज प्रिंटर से गुजरता है, लेजर बीम एक बेलनाकार ड्रम की सतह पर गिरता है जिसे फोटोरिसेप्टर कहा जाता है। इसम में एक विद्युत धनात्मक आवेश होता है, जो ड्रम के कुछ क्षेत्रों में आवेश को उल्टा करके फोटोरिसेप्टर पर लेजर बीम प्रिंट पैटर्न (जैसे कि टेक्स्ट और इमेज)।

3D Printer-3डी प्रिंटर

जैसा कि नाम से पता चलता है, एक 3डी प्रिंटर उपयोगकर्ताओं को 3-आयामी सीएडी (कंप्यूटर एडेड डिजाइन) इमेजो के रूप में एक ऑब्जेक्ट प्रिंट करने की अनुमति देता है। इसे additive मैनुफैक्चरिंग भी कहा जाता है. 3डी प्रिटिंग एक इनोवेटिव तकनीक है जो व्यवसायों को लागत में कटौती करने और उत्पादन के नए तरीकों को विकसित करने में मदद करती है।

4.Multimedia Projector

प्रोजेक्टर एक तरह का आउटपुट डिवाइस होता है जो प्रायः किसी मीटिंग या प्रेजेंटेशन में प्रयोग में आती है। यह लेंस का उपयोग कर किसी फिल्म को किसी ऑब्जेक्ट पर फ्लैश या प्रसारित करता है।

5.Plotter -प्लाटर

प्लॉटर एक आउटपुट डिवाइस है जिसका उपयोग कागजों पर ग्राफिकल आउटपुट बनाने के लिए किया जाता है। यह ब्लू प्रिंट आदि के रूप में चित्र बनाने के लिए सिंगल कलर या मल्टी कलर पेन का उपयोग करता है।

6. Speech Synthesizer – स्पीच सिंथेसाइजर

भाषण संश्लेषण मानव भाषण का कृत्रिम उत्पादन है। इस उद्देश्य के लिए उपयोग की जाने वाली कंप्यूटर प्रणाली को स्पीच कंप्यूटर या स्पीच सिंथेसाइजर कहा जाता है। एक स्पीच सिंथेसाइजर एक कम्प्यूटरीकृत उपकरण होता है जो इनपुट को स्वीकार करता है, डेटा की व्याख्या करता है, और सुनाने योग्य भाषा उत्पन्न करता है।

7.Speaker -स्पीकर

यह एक आउटपुट डिवाइस है जो साउंड या म्यूजिक को प्ले कर ध्वनि उत्सर्जन का कार्य करता है जो एक आउटपुट है। इसका उपयोग मल्टीमीडिया एप्लीकेशन में होता है जिससे कोई भी साउंड या म्यूजिक को आसानी से सुना जा सकता है।

reference-https://gyanveda.in/output-device-kya-hai/

निवेदन-आप सभी छात्र छात्रो से निवेदन है की अगर आपको यह कंटेंट(output device kya hai) आपके लिए उपयोगी(output device kya hai) रहा हो तो आप दुसरे के साथ भी शेयर(output device kya hai) करे अपने तक ही सिमित न रखे

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